Thursday, March 3, 2011

अराजकता के चरम पर पाकिस्तान

  
हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में अराजकता और आतंकवाद अपने चरम पर है. पाकिस्तान के हाथ उसी आग में जलने लगे हैं जो उसने भारत के लिए लगाई थी. पाकिस्तान की सेना और तानाशाहों के प्रश्रय पर पलने वाले आतंकी संगठन अब पाक सरकार के लिए खतरा बनकर उभरे हैं. २ मार्च को पाकिस्तान के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शहबाज भट्टी की तालिबानी आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इससे दो महीने पहले ही आतंकियों ने पंजाब प्रान्त के गवर्नर सलमान तासीर की भी जघन्य हत्या कर दी थी. ये पाकिस्तान में चरम पंथियों के बढ़ते प्रभाव का उदहारण हैं. पाकिस्तान में बढती आतंकी और चरमपंथी घटनाओं से सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक वर्ग प्रभावित हुआ है. पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों में इस कदर भय व्याप्त है की, सिंध प्रान्त की विधानसभा के एक सदस्य को भारत में शरण लेनी पड़ी है. पाकिस्तान में आतंक की स्थिति यह है की ३ वर्ष पूर्व देश की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की भी रैली के दौरान हत्या कर दी गयी थी. जिसके बाद शहबाज भट्टी पीपीपी के तीसरे नेता हैं, जिन्हें आतंकी हमले में अपनी जान गंवानी पड़ी है. हालिया समय में पाकिस्तान में बढती चरमपंथी घटनाओं का प्रमुख कारण पाक में लागू ईशनिंदा कानून है. जिसके कारण वहां अल्पसंख्यकों को झूठे मामलों में फंसाकर प्रताड़ित किया जा रहा है. पाकिस्तान में अराजकता इस स्थिति में पहुँच चुकी है की, प्रतिदिन एक हिन्दू पाक से पलायन करने के बारे में सोच रहा है. पाक में इससे पहले चर्चों पर भी सुनियोजित हमले किये गए थे. और अल्पसंख्यक सिखों से भी तालिबानी संगठनों ने जजिया कर की मांग की थी. पाकिस्तान में बढ़ते चरमपंथी प्रभाव का आकलन करने के लिए यह कुछ उदाहरण ही पर्याप्त हैं. पाकिस्तान के लिए उसके द्वारा ही तैयार किया गया तालिबान भस्मासुर के समान हो गया है. जो पाकिस्तान के विकास और शांति के लिए खतरा बन गया है. इसके लिए कोई और नहीं बल्कि पाक की सरकारें ही जिम्मेदार रही हैं जिन्होनें इन संगठनों को भारत के विरुद्ध इस्तेमाल करने की योजना बनायीं थी. लेकिन अब ये संगठन उनके लिए ही खतरा बनकर उभरे हैं.
 पाकिस्तान के इतिहास का यदि अवलोकन किया जाये तो, पाक अपने जन्म से ही इस्लामी राष्ट्र रहा है. पाकिस्तान की इसी विशेषता ने पाक में धर्मनिरपेक्ष माहौल को विकसित होने ही नहीं दिया. जिसके कारण वहां कट्टरता ने जन्म लेना प्रारंभ किया, जिसे समय-समय पर आई विभिन्न सरकारों ने प्रश्रय दिया.  पाक सरकारों द्वारा मिले संरक्षण के फलस्वरूप ये आतंकी संगठन इतने ताकतवर बनकर उभरे की इन्होनें सत्ता को नियंत्रित करना प्रारंभ कर दिया. पाक सरकारों ने इन आतंकी संगठनों ने जब तक इन पर लगाम लगाने की सोची तब तक देर हो चुकी थी. बल्कि अब ये संगठन सत्ता पर ही कब्ज़ा ज़माने की फ़िराक में हैं. जिसका विरोध करने पर पाक नेताओं को या उदार चेहरों को मौत का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान की घटनाएँ यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं की कट्टरता किसी भी समुदाय या राष्ट्र के लिए सही नहीं है. लेकिन धर्मनिरपेक्षता में सभी के लिए सहअस्तित्व की भावना रहती है. जो किसी भी लोकतंत्र के लिए आदर्श स्थिति है. जिसका विकल्प कट्टरता कभी नहीं हो सकता है, भारत इसका एक सशक्त उदाहरण है. 

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